
Hugo
1930 के पेरिस के व्यस्त रेलवे स्टेशन में रहस्य और रोमांच का जादू बिखरा हुआ है। यहाँ ह्यूगो कैबरे नाम का एक अनाथ बच्चा रहता है, जिसके दिल में सपने और जेब में राज़ भरे हुए हैं। स्टेशन की गुप्त गलियारों में भटकते हुए, वह एक टूटी हुई ऑटोमेटन मशीन को खोज लेता है, जो एक जादुई सफर की चाबी बन जाती है। यह मशीन उसके लिए एक ऐसी दुनिया का द्वार खोलती है, जहाँ असंभव संभव हो जाता है।
ह्यूगो एक रहस्यमय खिलौना विक्रेता की जिद्दी गॉडडॉटर के साथ मिलकर अतीत के राज़ उजागर करने निकल पड़ता है। ऑटोमेटन की चाबियाँ जैसे-जैसे चलती हैं, वैसे-वैसे आश्चर्य और संभावनाओं की कहानियाँ सुनाई देने लगती हैं। ह्यूगो की हिम्मत और जुनून उसे एक ऐसी यात्रा पर ले जाते हैं, जहाँ हर मोड़ पर नई चुनौतियाँ और रोमांचक खुलासे छिपे हैं। यह एक ऐसी सिनेमाई यात्रा है, जहाँ अतीत और वर्तमान का मिलन दिल को छू लेने वाले पलों और हैरतअंगेज रहस्यों की एक सुंदर गाथा बुनता है। यह कहानी आपकी कल्पना को जगाएगी और आपको और अधिक की चाहत में छोड़ देगी।