
कोई सुराग नहीं
प्रकृति की हरी-भरी गोद में एक ऐसी दुनिया है जो शरणस्थली भी है और कैद भी। यह कहानी एक पिता और बेटी के अटूट रिश्ते की है, जिनका बंधन उनके आसपास के पुराने पेड़ों की तरह ही मजबूत है। फॉरेस्ट पार्क की शांत जिंदगी में वे खुश हैं, लेकिन एक गलत कदम उनकी दुनिया को हिला देता है। इसके बाद शुरू होता है एक ऐसा सफर जो उनके रिश्ते और हिम्मत की परीक्षा लेता है।
बाहरी और भीतरी दुनिया के बीच झूलते हुए, यह जोड़ी एक ऐसी जगह की तलाश में निकल पड़ता है जहाँ वे खुद को पा सकें। पैसिफिक नॉर्थवेस्ट के दुर्गम इलाकों में उनकी यात्रा हर कदम पर अकेलेपन और समाज के बीच के नाजुक संतुलन को याद दिलाती है। यह फिल्म प्यार, जीवटता और उस अदम्य इंसानी रूह की गहरी छाप छोड़ती है जो सबसे कठिन हालात में भी जीवित रहती है। यह एक ऐसी सिनेमाई यात्रा है जो आपके दिल और दिमाग पर लंबे समय तक छाप छोड़ जाएगी।