लिडिया, एक समर्पित दाई, अपनी नौकरी में पूरी तरह डूबी रहती है और व्यक्तिगत जीवन में टूटन का सामना कर रही होती है। उसी समय उसकी सबसे अच्छी दोस्त सलोमे उसे बताती है कि वह गर्भवती है और वह चाहती है कि लिडिया इस गर्भधारण की यात्रा के हर कदम पर उसके साथ रहे। यह संबंध दोनों महिलाओं के लिए नयी संवेदनाओं, डर और आशाओं का परीक्षण बन जाता है।
फिल्म इन रिश्तों की नाजुकता, मातृत्व की जटिल भावनाओं और अलगाव के अनुभव को सूक्ष्म अभिनय और शांत, परतदार कथा के माध्यम से उजागर करती है। लिडिया की पेशेवर प्रतिबद्धता और निजी टूटन के बीच का संघर्ष मानवीयता के गहरे सवाल उठाता है और दर्शकों को सहानुभूति व अंतर्निहित आशा दोनों की उपस्थिति का एहसास कराता है।