मेलिसा एक अनुभवी और आदर्श कारागार अधिकारी है, लेकिन जब उसे कोर्सिका की एक जेल में स्थानांतरित किया जाता है तो उसकी सख्त पेशेवर ज़िन्दगी अनपेक्षित मोड़ों से गुजरने लगती है। वहाँ वह बंदी सावेरीउ की मदद और सुरक्षा स्वीकार कर लेती है ताकि वह नई परिस्थितियों में खुद को संभाल सके, पर यही फैसला धीरे-धीरे एक खतरनाक उलझन को जन्म देता है। खूनी, अलग-थलग वातावरण और अंदर की राजनीति मेलिसा की नैतिक सीमाओं पर सवाल उठाते हैं और सीमा-रेखाएँ धुंधली हो जाती हैं।
फिल्म रिश्तों, सत्ता और उत्तरदायित्व के जटिल पहलुओं की खुरदरी पड़ताल करती है, जहाँ सुरक्षा पाने की कोशिश में ही मुख्य पात्र अपने ही गुणों से बेखौफ टकराती दिखती है। कोर्सिका की جर्जर सज़ा-हवा और जेल की घनी बंदिशें कहानी को दबंगता और तनाव से भर देती हैं, जबकि मेलिसा और सावेरीउ के बीच का नाज़ुक संतुलन धीरे-धीरे अचानक परिणामों की ओर बढ़ता है।