नौकरी से निकाले जाने के बाद बढ़ई सेरियो एक अलमारी में छिपकर अपनी दुनिया बदल लेता है। जब वह अलमारी खरीदने वाले के घर पहुंचती है, तो भय और जिज्ञासा के बीच सेरियो वहां ठहरने का फैसला करता है और अनजाने परिवार के साथ उसी घर में छुपकर जीने लगता है। यह स्थितियाँ धीरे-धीरे उसके अलगाव, असमंजस और जीवन में कटाव को उजागर करती हैं।
फिल्म अकेलेपन, निगरानी और नैतिक जटिलताओं की भावुक पड़ताल है — एक ऐसे इंसान की कहानी जो किसी और के जीवन के किनारों पर खड़ा होकर अपनी पहचान और संबंधों की तलाश करता है। काला हास्य, तनाव और मानवीय संवेदनाओं के बहरेपन के बीच यह कहानी दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करती है कि अनदेखा होना और देखना दोनों ही कितने नुकसानदेह हो सकते हैं।