एक बद्तरीन हवेली में अपने आदर्श बार्टोक के आयोजित अंधेरे अनुष्ठान में शामिल होने के लिए ऑनिक्स कुछ सह-ओकुल्टिस्टों के साथ जाता है। बार्टोक के इरादों पर शक होते ही वह अचानक राक्षसों, धोखेबाज़ पंथियों और आध्यात्मिक भयानकताओं की दुनिया में फँस जाता है, जहाँ हर कदम पर रहस्य और खतरा छिपा है। हवेली का माहौल गॉथिक और ज्वलनशील है, और अनुष्ठान की तीव्रता धीरे-धीरे पात्रों की आस्था, विश्वास और सीमा पर सवाल खड़ा कर देती है।
कहानी न केवल भयानक जीवों से लड़ाई है, बल्कि आत्म-तलाश, बलिदान और आत्म-ज्ञान की यात्रा भी है, जहाँ "टैलिसमैन ऑफ सोल्स" जैसी खंडित वस्तु का महत्व कई चरित्रों के भाग्य बदल देता है। दृश्यात्मक रूप से सघन और भावनात्मक रूप से असहज, यह फिल्म दर्शकों को अज्ञात के साथ समझौता करने और अपने अतीत के भूतों से सामना करने पर मजबूर कर देती है, अंत तक एक रहस्यमयी और गूढ़ अनुभूति छोड़ते हुए।