कठोर विकल्पों की कसौटी पर खड़ी एक महिला पुलिस अधिकारी अपने पूर्व प्रेमी के सामने ऐसा प्रस्ताव रखती है जिसे वह नजरअंदाज नहीं कर सकता: या तो वह गुंडों की एक गैंग में घुसकर उनकी सूचनाएँ पुलिस को देगा, या फिर उसके भाई को जेल भेज दिया जाएगा। यह शर्त सिर्फ एक मिशन नहीं बल्कि पुराने रिश्तों, अपराध और नैतिक दुविधाओं का पैमाना बन जाती है, जो पात्रों को आंतरिक संघर्ष और बाहरी ख़तरे दोनों से जूझने पर मजबूर कर देती है।
फुरिओज़ा (2021) एक घनी-भरक हुई थ्रिलर है जो विश्वासघात, शक्ति के खेल और नैतिकता की सीमाओं को उधेड़ती है; हर कदम पर तनाव और अनिश्चितता चरम पर रहती है। फिल्म की कच्ची ऊर्जा और भावनात्मक तनाव दर्शकों को अंत तक बांधे रखते हैं, जहाँ सही और गलत के बीच की रेखाएँ धुंधली हो जाती हैं।