युउ-मि अपनी माँ के परिचित से मिलने होटल जाती है ताकि अपनी छोटी बहन को सौंप दे, पर वहाँ पहुँचते ही असामान्य खामोशी और अजीब घटनाएँ उसे घेरे लेती हैं। होटल की सुनसान गलियाँ, अधबनी हुई रोशनी और अनकहे संकेत एक गहरे रहस्य की ओर इशारा करते हैं, जहाँ हर कोना अतीत की पीड़ा और अनसुलझी यादों को छुपाए बैठा है। धीरे-धीरे सामान्यता का आवरण फाड़कर असल भय और संशय उबरते हैं, और युउ-मि को अपने परिवार की टूटन और छोड़ दिए जाने की खोज में खुद का सामना करना पड़ता है।
फिल्म का सुर वातावरण के जरिए एक सधी हुई भयावहता बनाता है, जहाँ वास्तविक और अतियथार्थ के बीच की सीमा धुँधली हो जाती है। संबंधों की जटिलता, मातृत्व की अनुपस्थिति और दबे हुए रहस्यों की परतें खुलती हुई दर्शक को निरंतर अनिश्चितता में रखती हैं। सीमित स्थान और घनिष्ठ तनाव के कारण कहानी धीरे-धीरे अंदर तक उतरती है, जिससे एक बांधे रखने वाला, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक हॉरर अनुभव उभर कर आता है।