1961 के लंदन की पृष्ठभूमि में बनी यह फिल्म एक साधारण टैक्सी ड्राइवर की अविश्वसनीय कहानी को दर्शाती है, जो अचानक एक कला चोर बन जाता है। यह सच्ची घटना पर आधारित है, जहां प्रतिष्ठित नेशनल गैलरी से गोया के प्रसिद्ध पोर्ट्रेट 'द ड्यूक ऑफ वेलिंगटन' की चोरी इतिहास का एक अनोखा पल बन जाती है। फिल्म रोमांच और मनोरंजन से भरी है, जो दर्शकों को एक अलग ही दुनिया में ले जाती है।
इस साहसिक चोरी के पीछे छिपी कहानी एक आदमी के विद्रोह और न्याय की अजीबोगरीब खोज को दिखाती है। हास्य और भावनाओं के मिश्रण के साथ, यह फिल्म एक रोमांचक यात्रा पर ले जाती है, जहां हर मोड़ पर नई चुनौतियाँ और रहस्य छिपे हैं। कला की ताकत, विद्रोह का आकर्षण और इंसानी जज़्बे की जीत इस फिल्म को खास बनाती है। क्या चोरी की गई कृति विद्रोह का प्रतीक बनेगी या बदलाव की वजह? इसका जवाब आपको इस अनोखी सिनेमाई अनुभव में मिलेगा।