वह हर बार सोकर दूसरी पहचान में जागता है: हर 12 घंटे में नए शरीर में, बिना अपनी पिछली ज़िन्दगी की कोई याद के। हर नए अवतार के साथ छोटे-छोटे सुराग और टुकड़े उसे अपनी असली पहचान तक पहुँचने की दिशा दिखाते हैं, पर साथ ही अज्ञात और खतरनाक एजेंटों की निगरानी और हमलों का सिलसिला भी तेज होता जाता है।
समय के साथ वह अपनी यादों और मिलने वाले संकेतों को जोड़कर एक बड़े षड्यंत्र की परतें उघाड़ने की कोशिश करता है, जहाँ भरोसा, विश्वासघात और अस्तित्व के सवाल लगातार उभरते हैं। तेज़-तर्रार एक्शन और मनोवैज्ञानिक ट्विस्ट से भरपूर यह यात्रा पहचान, कर्म और व्यक्ति कौन है—इन सवालों के इर्द-गिर्द घूमती है।