एक अनाथ किशोर स्टैन अपने दुराचारी दादा के साथ जीने को मजबूर है और स्कूल के बुलियों से अपने सबसे अच्छे दोस्त को बचाना उसकी ज़िम्मेदारी बन चुका है। एक दिन वह अपने पिछवाड़े की शेड में छिपा हुआ एक रहस्यमयी, रक्तपिपासु प्राणी खोज लेता है जो घातक है और उससे एक तरह का संबंध बनाता है। यह संबंध स्टैन को ताकत तो देता है पर साथ ही भय और अनियंत्रित हिंसा के दरवाजे भी खोल देता है।
प्राणी का इस्तेमाल जब वह बदले और सुरक्षा के नाम पर करता है तो घटनाएँ जल्द ही नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं और नैतिक दुविधाएँ गहरी हो जाती हैं—कितनी हिंसा को न्याय कहा जा सकता है और इसका भार किसके कन्धों पर जायेगा। फिल्म दोस्ती, आघात और बढ़ती उम्र के डरावने पहलुओं को मिलाकर एक तीव्र, भावनात्मक हॉरर-ड्रामा पेश करती है जो दर्शक को सही और गलत की परेशान करने वाली सीमाओं पर सोचने को मजबूर कर देती है।