यह फिल्म पटना के प्रतिभाशाली गणितज्ञ आनंद कुमार की जीवन-यात्रा पर आधारित है, जो गरीब और मेहनती छात्रों को आईआईटी जैसी टॉप परीक्षाओं की तैयारी करवा कर उनके सपनों को साकार करने में मदद करता है। प्रमुख अभिनेता के शक्तिशाली अभिनय और समर्पण ने दिखाया है कि कैसे सामाजिक असमानता, भ्रष्टाचार और व्यक्तिगत संघर्षों के बीच भी एक शिक्षक अपनी कक्षा को आगे बढ़ा सकता है। सीमित संसाधनों और विरोध के बावजूद आनंद 'सुपर 30' नामक कोचिंग क्लास चलाकर आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन प्रतिभाशाली छात्रों को चुनकर उन्हें कठोर परिश्रम और रणनीति से तैयार कराते हैं।
कहानी में भावनात्मक उतार-चढ़ाव, प्रेरक संदेश और शिक्षा के माध्यम से जीवन बदलने की आशा झलकती है; यह दर्शकों को जोश और संवेदनशीलता दोनों देती है। फिल्म में मेहनत, दोस्ती, विश्वास और त्याग की भावनाएँ प्रमुख हैं और अंत तक यह साबित करती है कि अगर अवसर मिलें तो प्रतिभा किसी भी बाधा को पार कर सकती है।