एक शांतऔर दूरस्थ हाई अटलस पहाड़ियों में स्थित भव्य विला में होने वाली एक दोस्ताना सी पार्टी अचानक एक अनहोनी में बदल जाती है। एक यादृच्छिक दुर्घटना के बाद घटनाएँ उम्मीद से कहीं अधिक गहरी और जटिल हो जाती हैं, और वह एक पल में स्थानीय मुसलमानों और वहां आए पश्चिमी मेहमानों की ज़िंदगियों को आपस में गूँथ देता है। छोटे-छोटे रिश्ते, दबे हुए राज़ और सामाजिक असमानताएँ उस सप्ताहांत की हवा में घुलकर तनाव और उलझन पैदा कर देती हैं।
फिल्म इस हादसे के बाद उठते नैतिक और भावनात्मक सवालों को उजागर करती है—किस तरह अपराध-बोध, क्षमाशीलता, प्रभुसत्ता और न्याय की परिभाषाएँ अलग-अलग नजरियों से देखी जाती हैं। यह एक ऐसा नाटक है जो व्यक्तिगत जिम्मेदारी और सांस्कृतिक टकराव के बीच के बारीक संतुलन को परखता है, और दर्शक को यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि एक त्रासदी का प्रभाव कितने व्यापक और दीर्घकालिक हो सकता है।