एक निजी जासूस अपने चाचा की हत्या की गुत्थी सुलझाने की कोशिश में उलझ जाती है, जहाँ हर सुराग उसे अतीत की भूलभुलैयों और शहर के अँधेरे रहस्यों तक ले जाता है। सामान्य जांच की गर्माहट के बीच सत्ता, लालच और बदले की भावनाएँ उसके चारों ओर उफान लेती हैं, और वह हर मोड़ पर नए संदेहों और खतरों का सामना करती है। कहानी में लगातार बढ़ता तनाव और रहस्यमय मोड़ दर्शकों को अंत तक बांधे रखते हैं।
उसका सबसे बड़ा भार एक छिपी हुई सच्चाई है: वह भेड़िये के वंश की वारिस है। इस जन्मजात विरासत को छुपाते हुए उसे न्याय की कामना और अपनी प्रकृति के बीच संतुलन बनाए रखना पड़ता है, जिससे जांच और भी जटिल हो जाती है। अंततः यह एक ऐसी परीक्षा बन जाती है जहाँ परिवार, पहचान और इंसानी व जानवर जैसी प्रवृत्तियों के बीच चयन करना पड़ता है, और उसी संघर्ष में कहानी अपना खतरनाक और भावात्मक परिणाम तक पहुँचती है।