
お早よう
एक ऐसी दुनिया में कदम रखें जहाँ बचपन की मासूमियत और बड़ों की ज़िंदगी की जटिलताएँ आपस में टकराती हैं। निर्देशक यासुजिरो ओज़ू आपको दो शरारती छोटे लड़कों की मनोरंजक कहानी दिखाते हैं, जो अपने माता-पिता द्वारा टेलीविज़न न खरीदने के विरोध में चुप्पी की सौगंध ले लेते हैं। इसके बाद जो घटनाक्रम होता है, वह पीढ़ियों के बीच के रिश्तों और परिवार की रोज़मर्रा की ज़िंदगी की विचित्रताओं का एक हृदयस्पर्शी और हास्यपूर्ण चित्रण है।
टोक्यो के एक जीवंत उपनगर में सेट यह फिल्म रंगीन दृश्यों और सूक्ष्म हास्य को इस तरह जोड़ती है कि यह रोज़मर्रा की ज़िंदगी का एक ऐसा चित्र बन जाती है जो दिलचस्प होने के साथ-साथ आसानी से समझ में आने वाली भी है। गृहिणियाँ नई-नई अफवाहों पर चर्चा करती हैं, तो पुरुष बेरोज़गारी की चुनौतियों से जूझते हैं। यह फिल्म युद्ध के बाद के जापान में उपभोक्तावाद पर एक सुंदर टिप्पणी पेश करती है। ओज़ू की मूक फिल्म "आई वॉज़ बॉर्न, बट..." की याद दिलाती यह कृति हास्य, गर्मजोशी और यादों का एक ऐसा मिश्रण है जो फिल्म खत्म होने के बाद भी आपके चेहरे पर मुस्कान बनाए रखेगी। पॉपकॉर्न लेकर बैठ जाइए और खुद को एक ऐसी दुनिया में पाइए जहाँ हँसी का राज है।