दूसरे विश्वयुद्ध के आरंभिक वर्षों की पृष्ठभूमि में बनी यह फिल्म अटलांटिक में कार्गो मार्गों की रक्षा के लिए युके के बेड़े और एक अकेले जर्मन युद्धपोत, एडमिरल ग्राफ़ स्पी के बीच चल रही खतरनाक छिड़ंत को दर्शाती है। समुद्र पर होने वाली कड़ी किलेबंदी, पुरजोर कार्रवाई और छोटे ब्रिटिश क्रूजरों की साहसिक ताड़ना के माध्यम से फिल्म उस तनाव और अनिश्चितता को पकड़ती है जब हर जहाज़ और हर निर्णय पूरे द्वीपसमूह की आपूर्ति के भविष्य को प्रभावित कर सकता था।
नाटक के केंद्र में समुद्री रणनीति, नैतिक दुविधाएँ और कप्तानों की कमज़ोर-मीठी मानवता है, जो अंततः रिवर प्लेट के किनारे एक निर्णायक मुठभेड़ और राजनीतिक घेराबंदी में परिणत होती है। फिल्म वास्तविक घटनाओं की सच्चाई और युद्ध के भयावह परिदृश्यों को संतुलित करती है, दर्शकों को न केवल युद्धक दृश्य दिखाती है बल्कि उन फैसलों और नतीजों की भी अनुभूति कराती है जिनसे समुद्री इतिहास प्रभावित हुआ।