एक रहस्यमयी दौर में, जब दुनिया भर से लोग एक-एक कर गायब हो रहे हैं और खौफ ने नए वैश्विक शासन को जन्म दिया है, जिन्दगी के तर्क और उम्मीदें दोनों ही दांव पर लग जाती हैं। इस सुनसान परिप्रेक्ष्य में "रेम्नेंट" नामक एक प्रतिरोधी दल उभरता है, जो न केवल आत्मरक्षा के लिए बल्कि उन लोगों के लिए भी लड़ता है जो अभी भी बचे हुए हैं। उनका उद्देश्य साधारण नहीं — एक ऐसी अनमोल वस्तु की रक्षा जो बिखरी हुई दुनिया में वापस उम्मीद की किरण जगा सकती है।
कहानी में निष्ठा, बलिदान और कठिन चुनावों की उलझनें आती हैं: साथी एक-दूसरे पर निर्भर हैं, पर भरोसा और धोखे के बीच की रेखाएं धुंधली होती जा रही हैं। जब संघर्ष तेज होता है, तब रेम्नेंट की हर जीत और हार के पीछे मानवीय भावनाओं की तीव्रता और भविष्य के लिए एक नाज़ुक उम्मीद छिपी रहती है। अंत में यह फिल्म दिखाती है कि अंधकार के बीच भी एक छोटा सा प्रकाश—एक नर्म, न्याय का वर्षा समान—किस तरह अनगिनत जिंदगियों के लिए रास्ता दे सकता है।