युद्ध-खट्टे 15वीं सदी के क्योटो की धुँधली गलियों में, ओनिन युद्ध की पूर्व संध्या पर सत्ता और अस्तित्व की लड़ाई उभरती है। इस अराजक पृष्ठभूमि में ह्योए (ओइज़ुमी) नाम का एक दुकानदार-सा बदमाश उठता है, जिसकी तेज तलवारबाज़ी और निडर चाल उसे भ्रष्ट शोगुनेट और उसकी सेनाओं के खिलाफ विद्रोह की अग्रिम पंक्ति में खड़ा कर देती है। उसके साथियों की एक टोली, परंपरा के टूटे हुए टुकड़ों और एक नया न्याय बनाने की जिद के बीच खड़ी दिखाई देती है, जहाँ हर संघर्ष में मुट्ठी भर उम्मीद और खून की नमी बराबर मिलती है।
यह कहानी केवल राजनीतिक विद्रोह नहीं बल्कि पुराने बंधनों के टूटने की भी दास्ताँ है, जब ह्योए का पुराना दोस्त और अब कड़ा प्रतिद्वंद्वी डोकेन (त्सुत्सुमी) उसके सामने खड़ा होता है। विश्वासघात, सम्मान और बदले की आग से जूझते किरदारों के बीच रिश्तों की परतें खुलती हैं, और फिल्म तीखे तलवार-नृत्य, भावनात्मक टकराव और कड़वे दृश्यात्मकों के जरिए विजय व विनाश के बीच झूलते मानवीय फैसलों को उजागर करती है।