"Sitaare Zameen Par" (2025) एक संवेदनशील और प्रेरक फिल्म है जो नौ लड़कों की अनोखी दोस्ती और उनकी आंतरिक जद्दोजहदों के इर्द-गिर्द बुनी गई है। हर बच्चा अपनी व्यक्तिगत मुश्किलों—खुदी पर शक, पारिवारिक तनाव, आर्थिक बाधाएँ या आत्म-सम्मान की कमी—से जूझ रहा होता है, लेकिन इन सबके बावजूद उनकी मासूमियत और हौसला कहानी में रोशनी घोल देता है। खान का किरदार, जो शुरुआत में अलग-थलग और निराश दिखता है, उन्हीं बच्चों के साथ जुड़कर धीरे-धीरे बदलाव का अनुभव करता है।
फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे छोटे-छोटे एहसास और साझी मेहनत किसी भी दिल को फिर से जिंदा कर सकती है; लड़के न केवल खान की मदद करते हैं बल्कि खुद भी एक-दूसरे से सीखते और बढ़ते हैं। दोस्ती, बहादुरी और उम्मीद की ये कहानी दर्शकों को हंसाने के साथ-साथ सोचने पर भी मजबूर करती है, और अंततः यह विश्वास जगाती है कि साथ होने पर हर अँधेरा कम होता है।