बार्सिलोना केatigi देर साठ के दशक की पृष्ठभूमि में यह कहानी एक युवा ज्वैलर यूजेनियो की है जो कोंचिता नाम की गायिका से इस कदर प्रेम कर बैठता है कि वह उसे संगत देने के लिए गिटार सीख लेता है। छोटी-छोटी शाम की प्रस्तुतियों और निजी पल-बदलों के बीच उसके जीवन में धीरे-धीरे एक नया रंग उभरता है: सूखी, शब्दोत्तेजक ह्यूमर, सिगरेट की धुंए वाली सादगी और खुद को сценा पर व्यक्त करने की आवश्यकता। फिल्म इन आरम्भिक दिनों की सूक्ष्मताओं और नाजुक रिश्तों को गर्मजोशी और रहस्यमयी उदासी के साथ दिखाती है।
धीरे-धीरे यूजेनियो का हँसाने का तरीका किसी रूप में पहचान बन जाता है, पर सफलता के साथ अकेलापन और व्यक्तिगत बलिदान भी जुड़ते जाते हैं। फिल्म हास्य और दर्द के बीच की उस महीन रेखा को उजागर करती है जो किसी कलाकार की प्रवृत्ति और सार्वजनिक छवि के बीच बनती है, और दर्शकों को उस युग की नाटकीयता, संगीत और यादों से भरपूर एक संवेदनशील चित्र देती है।