दो भाइयों, 13 साल के ऑस्कर और 11 साल के टियो, की ज़िंदगी मां की अचानक मौत के बाद बदल जाती है। दोनों एक ही घर और यादों में बंधे होते हुए भी स्वभाव और सोच में बिलकुल अलग हैं — एक शांत और विचारशील, दूसरा जिज्ञासु और उग्र। उनकी माँ एक वैज्ञानिक थी जो वर्महोल यानी कृमि-छिद्रों की व्यवहारिक खोज में डूबी रहती थी, और उसकी अनुपस्थिति दोनों के लिए गहरे शोक के साथ साथ अनसुलझी पहेलियाँ छोड़ जाती है।
माँ के शोध और रहस्यमयी नोट्स की ख़ोज उन्हें एक ऐसा सफर कराती है जहाँ विज्ञान, कल्पना और भाईचारे का कसौटी पर परिक्षण होता है। यह यात्रा न सिर्फ उनसे माँ के काम की समझ बढ़ाती है, बल्कि उनके आपसी मतभेद कम करके एक नए विश्वास और परिपक्वता की ओर ले जाती है। फिल्म बचपन की मासूमियत, दुख से सामना और未知 (अज्ञात) के सामने साहस उठाने की एक मुलायम परकथा पेश करती है।