उत्तर अमेरिका के बर्फीले जंगलों में सेट यह फिल्म एक रहस्यमयी घुमंतू की कहानी बताती है जो एक परित्यक्त लड़के और उसकी छोटी बहन की रक्षा करने की जद्दोजहद में फँस जाता है। चारों ओर फैला संक्रमण लोगों को जंगली-सा बना देता है और ठंड, भूख तथा लगातार खतरे के बीच उनका सफर आतंक और आशंका से भरा रहता है। घुमंतू की न केवल बाहरी खतरों से लड़ाई है बल्कि बच्चों के प्रति उसकी जिम्मेदारी और उन्हें बचाने के लिए उठाए गए जोखिम भी कहानी को भावनात्मक गहराई देते हैं।
कच्चे और क्लोज-अप दृश्यों के माध्यम से फिल्म निरीहता, त्याग और मानवीय संवेदनशीलता की पड़ताल करती है। जंगल की संदिग्ध चुप्पी और अचानक होने वाले हमलों से बने तनाव के बीच छोटे-छोटे पल — एक सांत्वनादायक हाथ, एक साझा रोटी का टुकड़ा — उम्मीद की किरण बनकर उभरते हैं। कुल मिलाकर यह एक सस्पेंस-भरी, मनोवैज्ञानिक और मानवीय संघर्ष की फिल्म है जो बचे रहने की इच्छाशक्ति और रिश्तों की ताकत पर केंद्रित है।