कैद से रिहा होकर आदम अपने पुराने इलाक़े लौटता है, एक ऐसे बेटे की तलाश में जो उसे कभी जानता ही नहीं। भरी शर्म, पछतावा और समाज की टकटकी के बीच वह अपने अतीत की गलियों में लौटकर अपने किए की सजा से भी ज्यादा अपने रिश्तों की मरम्मत चाहता है। उसकी मौजूदगी पुरानी यादों और अधरों पर लटकी असत्यताओं को फिर से जिंदा कर देती है, जबकि पुत्र की निरपेक्षता और उम्मीदें कहानी को भावनात्मक तनाव देती हैं।
उसी शहर में, उस आदमी का भाई एली जो आदम के क़त्ल का बदला चाहता है, हर कदम पर खौफ और बदले की आग जलाए रखता है। माइक, एक पुराना साथी या बाहरी तत्व, बीच-बचाव की भूमिका निभाते हुए वफादारियों और निर्णयों को जटिल बना देता है। यह फिल्म अपराध, पश्चाताप और मुक्ति के बीच नाजुक संतुलन को खंगालती है, जहाँ हर चेहरा और हर फैसला अंतिम परिणाम बदल सकता है।