एक ही दिन, 14 अप्रैल 1931 को जन्मे ऑक्टेवियो और अडे ला की ज़िंदगियाँ आठ दशक में फैले आठ एपिसोड के माध्यम से बार-बार टकराती और अलग होती हैं। हर एपिसोड में उनके बीच तीव्र मुलाक़ातें, खट्टे-मीठे एहसास और ग़लतफ़हमियाँ उभरती हैं, जो प्रेम, जुनून और मिटती यादों के बीच एक जटिल नाटक रचती हैं। यह यात्रा समय के साथ बदलती इच्छाओं, सामाजिक परिवर्तनों और व्यक्तिगत फैसलों का मार्मिक प्रतिबिंब है।
कहानी बताती है कि कैसे छोटी-छोटी घटनाएँ कभी किस्मत बन जाती हैं और कभी दरारें गहरी कर देती हैं; हर मिलन एक नया मोड़ लाता है और हर दूरी कुछ क्षमायाचना की गुंजाइश छोड़ जाती है। प्यार की तीव्रता और उम्र की गंभीरता के बीच जकड़े यह पात्र हमें याद दिलाते हैं कि जीवन के सबसे बड़े सवाल अक्सर शब्दों के चुप्पे पल में ही छिपे होते हैं।