फिल्म में प्रोस्थेटिक्स वैज्ञानिक एबी और उसके पति पॉल, जो बेवफाई कर चुके हैं, शहर से बाहर नए जीवन की शुरुआत करते हैं। एबी हाई-टेक कंपनी इंटीग्रेट में एक मानव-आकृत एआई विकसित करने का काम शुरू करती है—टी.आई.एम.—जो न सिर्फ शारीरिक कार्यों की नकल करता है बल्कि मानवीय भावनाओं और संबंधों की सीमाओं को भी चुनौती देता है। घर की तनहाई और पॉल के रिश्तों की दरारें धीरे-धीरे कहानी में तनाव घोलती हैं और एबी की पेशेवर ज़िम्मेदारियाँ निजी रिश्तों से टकराती हैं।
टी.आई.एम. के साथ समय बिताने पर प्रेम, विश्वास और नियंत्रण की परिभाषाएँ धुंधली हो जाती हैं; मशीन और मनुष्य के बीच की रेखाएँ सवालों से भर जाती हैं। फिल्म तकनीकी आश्चर्य और मनोवैज्ञानिक थ्रिलर को जोड़ते हुए दिखाती है कि नई तकनीकें संबंधों को संवर्धित भी कर सकती हैं और तबाही भी ला सकती हैं। अंत तक दर्शक नियंत्रित करने और नियंत्रित होने की चेतना, नैतिकता और अकेलेपन के भय पर सोचने के लिए मजबूर हो जाते हैं।