समकालीन सोशल मीडिया विशेषज्ञों का एक दल पुराने पारिवाररिक व्यवसाय को बचाने के लिए नियुक्त किया जाता है, और उनकी ये नौकरी उन्हें एक छोटे से झील के बीच बसे टापू तक ले जाती है जहाँ सदियों पुरानी स्वीडिश चुड़ैल के होने की कहानियाँ घूमती हैं। शुरुआत में यह एक क्लाइंट का साधारण डिजिटल रिब्रैंडिंग प्रोजेक्ट लगता है, पर धीरे-धीरे टापू की सुनसानता और स्थानीय लोककथाएँ उनके आधुनिक उपकरणों और आत्मविश्वास पर सवाल उठाने लगती हैं। फिल्म का वातावरण लगातार कसता हुआ तनाव पैदा करता है—सुंदर पर दूर-दराज़ का परिदृश्य और ऊँची-ऊँची हरी दीवारें आशंका को और घना कर देती हैं।
जैसे-जैसे समूह वहाँ फंसता जाता है, तकनीक का भरोसा कमज़ोर पड़ता है और वे एक-दूसरे पर शक करने लगते हैं। छोटी-छोटी चीज़ें, अनजाने में किए गए निर्णय और सोशल मीडिया की तेज़ी से बदलती प्राथमिकताएँ आपसी रिश्तों में दरारें डालती हैं। चुड़ैल की मौजूदगी वास्तविकता और मिथक के बीच की रेखा मिटा देती है, और फिल्म यह दिखाती है कि कैसे पुराने विश्वास और आधुनिक नखरे एक ही समय में खौफ़ का कारण बन सकते हैं।
Feed सिर्फ़ एक ओवर-द-टॉप हॉरर फिल्म नहीं है; यह प्रभाव की राजनीति, पहचान के निर्माण और कंटेंट के तत्काल सुख के चलते होने वाली नैतिक गिरावट पर भी तीखा कमेंटरी है। खूबसूरत पर असहनीय सीनोग्राफी, धीमी जलन और भीतर-से फैलती अनिश्चितता इसे दर्शक के लिए लंबे समय तक दिमाग़ में रहने वाली बनाती है। यह कहानी बताती है कि कभी-कभी सबसे खतरनाक चीज़ वो 'फ़ीड' होती है जिसे हम बिना सोचे-समझे बार-बार देते और लेते हैं।