
देवा
एक ऐसी दुनिया में जहां सच और झूठ के बीच की रेखा बाल जितनी पतली है, यह फिल्म आपको एक डिटेक्टिव के टूटे हुए दिमाग की छाया में एक रहस्यमय यात्रा पर ले जाती है। देव अंब्रे, एक तेज-तर्रार पुलिस अधिकारी जो अनसुलझे मामलों को सुलझाने का शौक रखता है, एक दुर्घटना के बाद खुद की बनाई भूलभुलैया में फंस जाता है जो उसकी याददाश्त को मिटा देती है। जैसे-जैसे वह एक हत्या केस की गहराई में उतरता है जिसे वह पहले बंद समझता था, देव को सतह के नीचे छिपे खौफनाक सच को उजागर करने के लिए सावधानी से आगे बढ़ना होगा।
अपने भूले हुए अतीत की गूंज और वर्तमान की जिम्मेदारियों के बीच फंसे देव को डीसीपी फरहान खान के साथ एक अजीबोगरीब साझेदारी बनानी पड़ती है, जिसके अपने रहस्य हैं। झूठ और अधूरे सच के जाल में भटकते हुए, दोस्त और दुश्मन के बीच की लकीर धुंधली हो जाती है, और देव को हर उस चीज पर सवाल करना पड़ता है जिसे वह सच मानता था। क्या देव अपने दिमाग में छिपे रहस्य को समय रहते सुलझा पाएगा, या फिर अंधेरा उसे पूरी तरह निगल लेगा? यह एक मनोरंजक कहानी है जो मोचन, विश्वासघात और याददाश्त व सच के बीच के अटूट बंधन को दर्शाती है।